Jharkhand Ka Bhugol

Jharkhand ka Bhugol – राज्य का परिचय

झारखंड, जिसे “वनभूमि” के रूप में जाना जाता है, अपने विशाल प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। इसका भूगोल, जिसमें खेती-वन, पर्वत, नदियाँ, और खनिज संपदा शामिल हैं, राज्य की पहचान और विकास की नींव है। इस लेख में हम Jharkhand ka Bhugol यानी झारखंड के भूगोल को विस्तार से समझेंगे।

क्षेत्रफल, जनसंख्या और साक्षरता

  • क्षेत्रफल: 79,716 वर्ग किमी (भारत में 15वाँ सबसे बड़ा राज्य)
  • जनसंख्या (2011): 32,988,134 (लगभग 3.3 करोड़)
    • जनसंख्या घनत्व: 414 प्रति वर्ग किमी
    • लिंगानुपात: 948 महिलाएँ प्रति 1000 पुरुष
    • साक्षरता दर: ~66.41% (2011) (Census 2011 India); नवीनतम अनुमान (2024) अनुसार बढ़कर 76.7% हुई है

भौगोलिक स्थिति और विस्तार

  • अक्षांश: 21°58′10″ से 25°19′15″ उत्तरी; देशांतर: 83°19′50″ से 87°57′ पूर्वी
  • दक्षिण–उत्तर: 380 किमी, पूर्व–पश्चिम: 463 किमी
  • कर्क रेखा राज्य के मध्य से गुज़रती है, जो इसका वायु एवं जलवायु स्वरूप प्रभावित करती है।

Jharkhand ka Bhugol में नदियाँ और जलवायु

  • कुल वन क्षेत्र: लगभग 23,721 वर्ग किमी, जो राज्य के 29.76% क्षेत्रफल के बराबर है.
    • Very Dense Forest: 2,601 किमी² (3.26%)
    • Moderately Dense: 9,689 किमी² (12.16%)
    • Open Forest: 11,431 किमी² (14.34%)
  • प्रत्येक व्यक्ति पर वन क्षेत्र (per capita): लगभग 0.071 हेक्टेयर
  • प्रमुख प्रजातियाँ: साल, महुआ, बाँस, पलाश आदि; संरक्षित वन प्रकार: Reserved, Protected, Unclassed
  • वन संरक्षण व पुनर्वनीकरण की पहलें जारी हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों को लाभ हो रहा है.

जलवायु, वर्षा और तापमान

  • वर्षा (मॉनसून अवधि – जून से सितंबर): औसत 1,022.9 मिमी
  • वर्तमान वर्ष की स्थिति:
    • कुछ जिलों में वर्षा सामान्य से ऊपर; फिर भी 5 जिलों में कमी दर्शी गई है
    • अत्यधिक वर्षा की वजह से कृषि कार्य प्रभावित; पत्ताग छंटाई आदि धीमी हुईं
  • तापमान एवं हीटवेव:
    • पिछले 35 वर्षों में 300% अधिक हीटवेव दिन दर्ज किए गए; 2024 में 21 दिन अंतरगर्मी की छाया रहे
    • अगस्त 2025 के शुरुआती दिनों में IMD द्वारा कई जिलों में येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी
    • मोनसून 2025 ने राज्य में सामान्य से बेहतर वर्षा लाने की उम्मीद जगाई है

खनिज संपदा और औद्योगिकीकरण

झारखंड भारत का सबसे समृद्ध खनिज राज्य है:

  • कोयला: पहले स्थान पर
  • लौह अयस्क: दूसरे स्थान पर
  • तांबा: तीसरे, बॉक्साइट: सातवें स्थान पर
  • अन्य खनिजों में यूरेनियम, मैंगनीज, मिका इत्यादि शामिल हैं
    इन संसाधनों ने रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो जैसे औद्योगिक केंद्रों को जन्म दिया हैं—जिससे राज्य की आर्थिक शक्ति बढ़ी है।

सांस्कृतिक और पारिस्थितिक परिप्रेक्ष्य (Culture & Ecology)

भूगोल ने झारखंड की जनजातीय संस्कृति को आकार दिया है—वनोत्सव, नदियों के किनारे धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियाँ, पर्वत लांतक इत्यादि राज्य की आत्मा हैं।

निष्कर्ष

Jharkhand ka Bhugol राज्य के आर्थिक, पर्यावरणीय और सांस्कृतिक स्वरूपों की रीढ़ है। विश्वसनीय आँकड़े देव प्रकृति, आर्थिक विकास, जनजीवन और विकास की पथरीली नींव को उजागर करते हैं।

Final Word

एक लेखक के रूप में मैं यह मानता हूँ कि Jharkhand ka Bhugol केवल भौगोलिक तथ्यों का संग्रह नहीं, बल्कि यहाँ की सांस्कृतिक और प्राकृतिक आत्मा का प्रतिबिंब है। इस लेख से मेरी यह कामना है कि पाठक न केवल आँकड़ों को समझें, बल्कि झारखंड की आत्मा को भी महसूस करें।

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